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होम लोन की जानकारी | लोन कैसे अप्लाई करें | ब्याज दरें | तुलना

 

होम लोन की जानकारी | लोन कैसे अप्लाई करें | ब्याज दरें | तुलना 


होम लोन (Home Loan) को आप घर के निर्माण, मरम्मत, नई व् पुरानी आवासीय प्रॉपर्टी को खरीदने और घर के आकर में वृद्धि के लिए ले सकते है। जिससे आप अपनी बचत या निवेश को घर बनाने या खरीदने जैसे कार्यों के लिए इस्तमाल करने से बच सकते है। होम लोन की ब्याज दरें सभी बैंक की अलग अलग होती है। जिनके बारे में हम आगे बात करेंगे पर अगर सबसे कम ब्याज दर की बात करे तो होम लोन की ब्याज दरें मासिक 0.55% यानि 6.65% प्रति वर्ष से शुरू होती हैं। जब आप किसी बैंक या NBFC से होम लोन लेते हैं तो आपको बैंक के पास संपत्ति को गिरवी रखना पड़ता है। और बैंक गिरवी राखी गई सम्पति का 75% से 90% तक लोन मजूरी देता हैं। जिसको आप आराम से 30 साल की लम्बी अवधि में हर माह की EMI के रूप में देकर चूका सकते हैं।
  

अगर आप होम लोन लेना चाहते है तो इसमें प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत 2.67 लाख रूपए तक सब्सिडी, इनकम टेक्स में लाभ, बैलेंस ट्रांसफर की सुविधा और लोन टॉप-अप जैसे लाभ भी आपको मिल जाते है।
हर लोन की तरह होम लोन में भी बेस्ट ऑफर या कम ब्याज दर का होम लोन ढून्ढ पाना थोड़ा मुश्किल काम लगता है। पर हमारे होते हुए आपको ये चिंता करने की बिलकुल भी जरुरत नहीं हैं। क्योकि आज हम इस लेख में होम लोन योजना, होम लोन इंटरस्ट रेट, होम लोन नियम व् शर्ते और आदि जानकारी आपको देने वाले हैं। और साथ ही अगर आप होम लोन लेना चाहते है। तो आप हमारी मदत भी यहाँ क्लिक ( होम लोन ) करके ले सकते है। जिसमे हम आपकी लोन लेने से लेकर डिस्बर्स तक पूरी हेल्प निःशुल्क करते हैं।


होम लोन के लाभ और विशेषताएं

विभिन प्रकार के बैंक और NBFC (नॉन बैंकिंग फाइनेंस कंपनी ) ग्राहकों को लुभाने के लिए अलग-अलग ऑफर और विशेषताएं बाजार में लाती हैं। जो थोड़े टाइम बाद ख़तम हो जाते हैं, पर कुछ ऑफर और विशेषताएं लोन देने वाली संस्थाओ के पास हमेसा रहते हैं। जिनमे से कुछ निम्नलिखित प्रकार से हैं :

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत इंट्रेस्ट सब्सिड : 

जब आप बैंक से लोन लेते है। तो PMAY (प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी ) के अंतर्गत पहली बार घर बनाने वाले व्यक्ति को ब्याज में 2.67% की सब्सिडी मिलती हैं। जिससे आपको होम लोन के ब्याज में बचत होती है।

काम ब्याज दर : 

सभी प्रकार के बैंक व् NBFC अपने होम लोन को बेहतर बनाने के लिए कम से कम ब्याज दर की पेशकश करती हैं।

वार्षिक टेक्स में लाभ : 

जब आप होम लोन लेते है तो आपको धारा 80 C, 24 B और 80EEA के अंतर्गत होम लोन के मूल और ब्याज के भुगतान करने पर इन्कमटेक्स में छूट मिलती है।

लोन चुकाने की लम्बी अवधि : 

होम लोन में आपको 30 साल की लम्बी अवधि लोन चुकाने के लिए मिल सकती है। ये अवधि आपके लोन की रकम व् आपकी लोन चुकाने की क्षमता को ध्यान में रख कर मिलती हैं।

होम लोन बैलेंस ट्रांसफर फेसेलिटी :

अगर आपको लगता है कि अपने जिस बैंक से होम लोन लिया है। उस बैंक का इंटरस्ट आप ज्यादा दे रहे हैं तो काम से काम 6 माह लोन चलने के बाद अपना पूरा लोन दूसरे बैंक में ट्रांसफर करवा सकते हैं। जिसके बाद आप काम ब्याज दर के हिसाब से लोन चूका सकते हैं।

टॉप-अप लोन सुविधा : 

होम लोन में आपको बैंक टॉप -अप लोन सुविधा प्रदान करते हैं। जिसमे आप अपने मौजूदा होम लोन पर कुछ राशि का लोन टॉप -अप के रूप में ले सकते है। जिसका उपयोग आप अपने हिसाब से कर सकते है। 

होम लोन ब्याज दरों के प्रकार

बैंक और NBFC दो तरह के ब्याज दर अपने ग्राहकों से चार्ज करते है।
1. फिक्स्ड ब्याज दर
2. फ्लोटिंग ब्याज दर

फिक्सड रेट होम लोन : 

फिक्सड रेट ब्याज दर में आपको बैंक को लोन अमाउंट पर बनी EMI में मूलधन और ब्याज लोन की अवधि पूरी होने तक फिक्सड ही जमा करना पड़ता हैं। अगर आप 10 लाख का लोन 15 साल के लिए बैंक से लेते है। और कुछ समय बाद आप 10 लाख के लोन में 2 लाख जमा करते है। तो भी आपके लोन अमाउंट पर जो ब्याज लगता है, वो 10 लाख के हिसाब से लगता रहेगा।

फिक्सड होम लोन ब्याज के लाभ : 

फिक्सड होम लोन में ब्याज दरें स्थिर रहे के कारण आपको ठीक से पता होता है के आपको लोन अमाउंट पर कितना ब्याज देना पड़ रहा है। जिससे आप अपने लोन अमाउंट को निश्चित अवधि के दौरान चुकाने की एक बेहतर योजना बना सकते है।
चूँकि लोन अवधि तक लोन EMI एक जैसे ही रहती है, तो अगर आगे आने वाले समय में बैंक की ब्याज दर बढ़ती भी है तो आप बिलकुल सुरक्षित रहेंगे।

फिक्सड होम लोन ब्याज के नुकसान : 

फिक्सड ब्याज दर फ्लोटिंग ब्याज दर के मुकाबले 1 से 2.5% तक ज्यादा होती है।
वही अगर लोन अवधि के दौरान बैंक अपनी ब्याज दरों को घटता है तो आपको घाटी ब्याज दरों का लाभ नहीं मिल पायेगा।
 

फ्लोटिंग रेट होम लोन : 

फ्लोटिंग रेट होम लोन में जब आप बैंक से लोन लेते है, तो इसमें आपके EMI की दर घटती और बढाती रहती हैं। उदहारण के तोर पर अगर अपने बैंक से 10 लाख का लोन 7.50% पर 10 साल के लिए लिया है।  तो इस पर जो आपकी लगभग EMI 11870 रुपय बनती है। इस EMI में 5620 प्रिंसिपल अमाउंट और 6250 इंटरेस्ट के रूप में आपको देना पड़ेगा। इसके बाद आपका जो लोन अमाउंट 994380 रूपए रहे जायेगा। फिर आपकी अगली EMI 994380 लोन अमाउंट पर बनेंगी जिसमे प्रिंसिपल अमाउंट 5655 रूपए और इंटेरस्ट 6215 रूपए जायेगा। ( 5655 + 6250 = 11870 ) ये EMI बेंचमार्क दर में परिवर्तन होने के अनुसार बैंक और लोन संस्थाओ के रेपोरेट के अधीन होती हैं। रेपोरेट कई कारको पर निर्भर होती हैं जैसे RBI की नीतियों और अन्य बाहरी करक। 

फ्लोटिंग EMI के लाभ

फ्लोटिंग EMI (ब्याज दर) होम लोन फिक्सड EMI की तुलना में सस्ती होती हैं। फ्लोटिंग होम लोन EMI में RBI की गॉइड लाइन के मुताबिक कोई फोरक्लोज़र या प्री - पेमेंट फीस नहीं देनी पड़ती हैं। 

फ्लोटिंग EMI के नुकसान

फ्लोटिंग EMI होम लोन लेने में बस एक मात्र समस्या होती है की इसकी EMI में  प्रिंसिपल अमाउंट और इंटरस्ट में बदलाव होता रहता है।  जिससे आपको अपने मासिक बजट को मैनेज करने में थोड़ी बोहोत कठिनाई हो सकती है।  दोनों प्रकार के होम लोन की ब्याज दरों के अपने अपने फायदे व नुकसान हैं जब यह होम लोन पर फिक्स्ड और फ्लोटिंग ब्याज दरों के बीच चयन करने की बात आती है, तो वह चुनें जो आपकी आवश्यकताओं के अनुरूप हो।

भारत में सबसे कम होम लोन ब्याज दरों ऑफर करने वाले सर्वश्रेष्ठ 10 बैंक

होम लोन (Home Loan) लेने वाला कोई भी व्यक्ति सबसे कम ब्याज दरों पर लोन लेना चाहेगा, क्योंकि ब्याज दर जितनी कम होगी आपके ऊपर लोन का भार उतना कम होगा। भारत में सबसे कम ब्याज दर पर लोन देने वाले मुख्य बैंकों की लिस्ट निम्नलिखित है: 


TOP 10 HOME LOAN BANK LIST
टॉप 10 होम लोन बैंक लिस्ट 


होम लोन की EMI कैल्कुलेशन करने के लिएलोन की अवधि 30 वर्ष मानी जाती है।

नोट: बैंकों, NBFC और HFC द्वारा दी जाने वाली ब्याज दरें, RBI के निर्देशों और उधारदाताओं के विवेकाधिकार के अनुसार बदल सकती हैं। 

होम लोन के प्रकार


बैंक और NBFC या हाउसिंग फाइनेंस कंपनी कई तरह के उदेश्य के लिए होम लोन देती हैं। इसलिए जब आप होम लोन लेने  बना रहे हो तो पहले सुनिश्चित कर ले की आपको होम लोन किस उदेश्ये के लिए लेना है। और तभी बैंक  में  होम लोन के लिए आवेदन करें।  हमने आपको निचे बताया है कि होम लोन किन उदेश्यो से लिया जा सकता है। होम लोन के उदेश्य / प्रकार निम्नलिखित है :


घर खरीदने के लिए लोन: 

घर खरीदने के लिए लिया जाने वाला लोन सबसे सामान्य होम लोन (Home Loan) है।  जो पूरी तरह से तैयार व् रहने लायक घर / अंडर कंस्ट्रक्शन प्रॉपर्टी / दोबारा बेचीं गई प्रॉपर्टी को खरीदने के लिए लिया जाता है। बैंक या लोन संस्थान RBI गाइडलाइन के अनुसार प्रॉपर्टी मूल्य के 75%-90% तक का लोन दे सकते हैं।

प्लाट परचेस और कंस्ट्रक्शन के लिए होम लोन : 

इस तरह के होम लोन को कम्पोजिट होम लोन भी बोला जाता है। ये लोन उन व्यक्तियों के लिए है, जो घर बनाने के लिए ज़मीन खरीदना चाहते हैं, और फिर उस जमीन पर अपने हिसाब से घर बनाना चाहते है।  कम्पोजिट होम लोन (Home Loan) में जमीन की खरीद के लिए लोन अमाउंट का एक हिस्सा लोन लेने वाले व्यक्ति को दिया जाता है, और बाकी का लोन अमाउंट घर के कंस्ट्रक्शन चरणों पर निर्भर करता है।

होम कंस्ट्रक्शन लोन: 

ये लोन भी कम्पोजिट होम लोन की तरह ही होता है। अगर आपके पास पहले से  जमीन या प्लाट मौजूद है। और आप उस प्लाट या जमीन पर घर बनाना चाहते है । तो होम कंस्ट्रक्शन लोन आपके लिए उपलब्ध है। इस लोन में भी कंपोज़िट लोन की तरह ही लोन अमाउंट को घर के निर्माण के आधार पर 2 या 3 चरणों मे लोन लेने वाले व्यक्ति को दिया जाता है।

घर की मरम्मत के लिए लोन : 

अगर आपका घर बहुत पुराना हो चूका है या आप किसी वजह से अपने घर की मरम्मत करवाना चाहते हैं। तो आप बैंक से घर की मरम्मत के लिए लोन लें सकते हैं। इस लोन में सामान्य होम लोन (Home Loan) की तरह ही ब्याज दर लगती है। पर इस तरह के होम लोन को चुकाने की समय सीमा सामान्य होम लोन से छोटी होती है।

होम एक्सटेंशन लोन : 

अगर आपको लगता है की आपका घर थोड़ा छोटा है, या किसी भी कारण की वजह से आप अपने घर को बढ़ाना चाहते है। तो आप बैंक से होम एक्सट्रेशन के लिए लोन ले सकते है। होम एक्सटेंशन लोन में  बैंक/ लोन संस्थान LTV रेश्यो के आधार पर कंस्ट्रक्शन राशि का 75-90%  लोन देते हैं।

ब्रिज लोन :  

यह लोन उन व्यक्तियों को दिया जाता है। जिनके पास पहले से अपना कोई घर है, और वो व्यक्ति अपने घर को बेच कर कोई दूसरा घर खरीदना चाहता है। पुराने घर को बेचकर नया घर खरीदने के लिए जितनी राशि कम पड़ रही है। उतना लोन बैंक द्वारा आवेदक को मिल जाता है। यह एक शॉर्ट टर्म होम लोन (Home Loan) है।  

इंटरेस्ट सवेर लोन होम लोन : 

इस  होम लोन में लोन लेने वाले व्यक्ति को काफी फायदा हो सकता है। क्योकि जब व्यक्ति इस लोन स्कीम के तहत बैंक से लोन लेता है तो बैंक लोन लेने वाले व्यक्ति के सेविंग अकॉउंट को लिये गये होम लोन अकॉउंट से जोड़ देते है।जिससे लोन लेने वाला व्यक्ति जब भी EMI अमाउंट से ज्यादा राशि उस खाते में जमा करता है। तो उसे भी लोन चुकाने के लिए उपयोग किया जाता है और इस तरह ब्याज बचता है। यह होम लोन ओवरड्राफ्ट (Home Loan Overdraft) सुविधा के समान है।

स्टेप-अप लोन : 

ये लोन विशेषकर उन पेशेवर युवा व्यक्तियों के लिए बनाया गया है। जिन्होंने अभी अपना करियर शुरू किया है। और अपना खुद का घर चाहते है। यह एक प्रकार का होम लोन होता है।  जिसमें कर्ज लेने वाले लोन के शुरुआती वर्षों के दौरान कम EMI का भुगतान करते हैं। हालांकि, समय के साथ EMI राशि बढ़ाने का प्रावधान है।



होम लोन लेने के लिए योग्यता शर्तें

होम लोन लेने के लिए योग्यता शर्तें बैंक / होम लोन देने वाली संस्थाओं और लोन योजनाओं में भिन्न होती है। होम लोन के लिए समान्य योग्यता व् शर्ते निम्नलिखित हैं:

राष्ट्रीयता: भारतीय निवासी, अनिवासी भारतीय (NRI) और भारतीय मूल के व्यक्ति (PIO)

क्रेडिट स्कोर: 700  या उससे अधिक
  
आयु सीमा: 18 – 70 वर्ष

कार्य अनुभव: कम से कम 1 वर्ष (नौकरीपेशा के लिए)

बिज़नेस कितना पुराना है: कम से कम 1 वर्ष (स्वरोजगार के लिए)

न्यूनतम वेतन: कम से कम 20,000 रुपये प्रति माह (लोन संस्थानों में अलग अलग होता है)

लोन राशि: संपत्ति के मूल्य का 90% तक

होम लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ 

होम लोन आवेदन फॉर्म / एप्लिकेशन फॉर्म (Home Loan Application Form) के साथ आपको कुछ आवशयक डॉक्यूमेंट बैंक को देने होते हैं। ये डॉक्यूमेंट आमतौर पर सभी बैंक और लोन संस्थाओं के लिए समान होते हैं। पर पर लोन योजनाओं, लोन लेने  के  उद्देश्य और व्यक्तिगत  क्रेडिट प्रोफाइल  के  आधार  पर कुछ डॉक्यूमेंट घटाये या बढ़ाये जा सकते हैं। होम लोन के लिए आवश्यक दस्तावेज़ (Home Loan documents) की जानकारी निम्न प्रकार नीचे दी गई हैं:

  • होम लोन आवेदन फॉर्म
  • पासपोर्ट साइज़ फोटो
  • पहचान का प्रमाण: पैन कार्ड, पासपोर्ट, आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और ड्राइविंग लाइसेंस ( किसी एक की फोटोकॉपी)
  • आयु का प्रमाण: आधार कार्ड, पैन कार्ड, पासपोर्ट, जन्म प्रमाण पत्र, 10 वीं कक्षा की मार्कशीट, बैंक पासबुक और ड्राइविंग लाइसेंस( किसी एक की कॉपी )
  • निवास का प्रमाण: बैंक पासबुक, वोटर आईडी, राशन कार्ड, पासपोर्ट, यूटिलिटी बिल (टेलीफोन बिल, बिजली बिल, पानी का बिल, गैस बिल) और LIC पॉलिसी स्लिप (किसी एक की कॉपी)
  • आय प्रमाण- फॉर्म 16 की कॉपी, नया भुगतान, पिछले 3 वर्षों के आईटी रिटर्न (ITR) और निवेश प्रमाण (यदि कोई हो)
  • स्व-नियोजित के लिए आय का प्रमाण: पिछले 3 वर्षों की ITR डिटेल्स, बैलेंस शीट और कंपनी का लाभ और हानि अकाउंट डिटेल्स / फर्म, बिज़नेस लाइसेंस डिटेल्स और व्यापार पते का प्रमाण
  • प्रॉपर्टी से संबंधित दस्तावेज़: सोसायटी / बिल्डर से NOC, घर में लगने वाली वाले मूल्य का विस्तृत अनुमान, रजिस्टर्ड सेल एग्रीमेंट , आवंटन पत्र और बिल्डिंग योजना की एक मंज़ूरी मिली कॉपी
नोट: उपरोक्त लिस्ट सिर्फ सांकेतिक है। और आपसे लोन देने वाली संस्था अतिरिक्त डॉक्यूमेंट भी मांग सकती है।
 


होम लोन से जुड़ी फीस और शुल्क

जब आप बैंक से लोन लेने जाते है। तो कई ऐसे शुल्क व् फीस होती हैं जो बैंक या लोन देने वाली सस्थान आपसे होम लोन के आवेदन के समय ले सकते है।  ऐसे ही कुछ शुल्क / फीस की जानकारी आपको नीचे निम्न प्रकार से दी गई है। 

  • एप्ल्केशन फीस: एप्लीकेशन फीस बैंक व् NBFC द्वारा ली जाती है। यह एप्लीकेशन फीस वैरिफिकेशन और अन्य शुरुआती खर्चो को पूरा करने के लिए लोन संस्थानों द्वारा ली जाती है। 

  • प्रोसेसिंग फीस: प्रोसेसिंग फीस लोन लेने वाले व्यक्तियों की आय और होम लोन योजना व् क्रेडिट प्रोफाइल पर निर्भर करती है। यह क्रेडिट मूल्यांकन के मूल्य को कवर करती है।
 
  • एडमिनिस्ट्रेटिव फीस: यह उन बैंक / NBFC लोन संस्थानों द्वारा ली जाती है। जो प्रोसेसिंग फीस को दो भागों में लेते है लोन के अप्रूवल होने के बाद लगाया गया हिस्सा एडमिनिस्ट्रेटिव फीस के रूप में जाना जाता है। 

  • फोरक्लोज़र फीस: अगर अपने किसी बैंक या NBFC से होम  लोन लिया है और आप लोन की अवधि पूरी होने से पहले ही लोन राशि का भुगतान करना चाहते है। तब बैंक आपसे फोरक्लोज़र फीस का भुगतान करवाते थे। पर RBI की गाइड लाइन के अनुसार अब बैंक फ्लोटिंग रेट होम लोन पर प्री - पेमेंट करने वालो से कोई चार्ज नहीं करते है। जहां तक फिक्स्ड  रेट  होम  लोन  का सवाल है, कुछ बैंक इन शुल्कों को वसूलते हैं।

  • भुगतान प्रकार को बदलने पर लगने वाला शुल्क: जब आप किसी बैंक या NBFC से लोन ले लेते है।  और कुछ समय बाद आप लोन भुगतान EMI के तरीके में बदलाव करना चाहते है। तब यह शुल्क लगाया जाता है। यह शुल्क आमतौर पर विभिन्न बैंक और अन्य आर्थिक संस्थाओं में 500 रुपये तक होता है।

  • ब्याज दर को कम या बदलने पर शुल्क: यह शुल्क बकाया मूल राशि का 2% तक होता है। लोन लेने वाले व्यक्ति पर तब लगाया जाता है जब वह बैंक से विभिन्न  कारणों  से  उनकी मौजूदा EMI में  बदलाव या कम करने का अनुरोध करते हैं। यह शुल्क विभिन्न बैंकों में अलग-अलग वसूला जाता है। 

  • CERSAI शुल्क: CERSAI (केंद्रीय रजिस्ट्री ऑफ सिक्यूरिटीज एसेट रिकंस्ट्रक्शन एंड सिक्योरिटी इंटरेस्ट) भारत की  केंद्रीय  ऑनलाइन  सुरक्षा ब्याज रजिस्ट्री है। CERSAI की वेबसाइट पर जाकर बैंक और NBFC गिरवी रखी गई प्रॉपर्टी की  जांच करते हैं कि किसी अन्य  बैंक द्वारा प्रॉपर्टी पर क्लेम तो नहीं किया गया है। इस प्रक्रिया के लिए बैंक एक मामूली शुल्क का भुगतान करते हैं, जिसे वे बाद में लोन लेने वाले व्यक्ति से वसूलते हैं।

  • ब्याज ( EMI ) पर अतिरिक्त शुल्क: जब लोन लेने वाला व्यक्ति अपने लोन की EMI का भुगतान नहीं कर पाता या EMI का भुगतान देरी से करता है। तो बैंक बकाया ब्याज दरों की EMI पर अतिरिक्त शुल्क लेता  है। इसलिए EMI का भुगतान समय पर करना चाहिए।

  • कानूनी शुल्क: यह शुल्क सामान्य तौर पर प्रोसेसिंग फीस में शामिल होता है, लेकिन कुछ बैंक इसे अलग से चार्ज करते हैं जब वे उधारकर्ताओं  के कानूनी दस्तावेजों की जांच के लिए फॉर्म को शामिल करते हैं।

  • फ्रैंकिंग फीस: इसे आमतौर पर स्टांप शुल्क के रूप में परिभाषित किया जाता है, राज्य सरकार द्वारा किसी भी संपत्ति के अधिकारों के ट्रांसफर से जुड़ें मौद्रिक लेनदेन के रूप में लगाया जाता है। यह राशि एक राज्य से दूसरे राज्य में भिन्न होती है, और  राज्य  के  कानूनों  पर निर्भर करती है।


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